Tuesday, October 7, 2014

Narayana Stotram by Shankaracharya



नारायण नारायण जय गॊविन्द हरॆ ॥

नारायण नारायण जय गॊपाल हरॆ ॥


करुणा पारा वार वरुणा लयगम्भीर नारायण ॥ 1

घन नीरद सङ्काश कृत कलिकल्मष नाशन नारायण ॥ 2


यमुनातीर विहार धृत कौस्तुभ मणिहार नारायण ॥ 3

पीताम्बर परिधान सुर कल्याण निधान नारायण ॥ 4


मञ्जुल गुञ्जा भूष माया मानुष वॆष नारायण ॥ 5

राधा धर मधुरसिक रजनी कर कुलतिलक नारायण ॥ 6


मुरली गान विनॊद वॆदस्तुत भूपाद नारायण ॥ 7

बर्हि निबर्हा पीड नट नाटक फणिक्रीड नारायण ॥ 8


वारिज भूषाभरण राजीव रुक्मिणीरमण नारायण ॥ 9

जल रुहदल निभनॆत्र जगदारम्भक सूत्र नारायण ॥ 10


पातक रजनीसंहार करुणालय मामुद्धर नारायण ॥ 11

अघ बक हय कंसारॆ कॆशव कृष्ण मुरारॆ नारायण ॥ 12


हाटक निभ पीताम्बर अभयं कुरु मॆ मावर नारायण ॥ 13

दशरथ राजकुमार दानव मद संहार नारायण ॥ 14


गॊवर्धन गिरि रमण गॊपी मानस हरण नारायण ॥ 15

सरयु तीर विहार सज्जन‌ ऋषि मन्दार नारायण ॥ 16


विश्वामित्र मखत्र विविध वरा सुचरित्र नारायण ॥ 17

ध्वज वज्राङ्कुश पाद धरणी सुत सहमॊद नारायण ॥ 18


जनक सुता प्रतिपाल जय जय संस्मृति लील नारायण ॥ 19

दशरथ वाग्धृति भार दण्डक वन सञ्चार नारायण ॥ 20


मुष्टिक चाणूर संहार मुनि मानस विहार नारायण ॥ 21

वालि विनिग्रह शौर्य वर सुग्रीव हितार्य नारायण ॥ 22


मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर नारायण ॥ 23

जलनिधि बन्धन धीर रावण कण्ठ विदार नारायण ॥ 24


ताटक मर्दन राम नट गुण विविध सुराम नारायण ॥ 25

गौतम पत्नी पूजन करुणा घना वलॊकन नारायण ॥ 26


सम्भ्रम सीता हार साकॆत पुर विहार नारायण ॥ 27

अचलॊद्धृत चञ्चत्कर भक्ता नुग्रह तत्पर नारायण ॥ 28


नैगम गान विनॊद रक्षित सुप्रह्लाद नारायण ॥ 29

भारत यतवरशङ्कर नामा मृतम खिलान्तर नारायण ॥ 30

Monday, September 1, 2014

Shree Krishna Leela Tarangini Song 4

श्लोक:

कृष्ण कृष्ण कृपासिन्धो भक्तसिन्धुसुधाकर ।
मामुद्धर जगन्नाथ मायामोहमहार्णवात् ।।६।।

गीतं - ४

  रांग - माळवी / सौराष्ट्रम्       तालं - त्रिपुट

मत्स्य कूर्म वराह नरमृग वामनामरभार्गव
कुत्सितारिविराम दशरथराम बलरामाभव ।      कृष्ण कृष्ण ।।१।।

कृष्ण कृष्ण कृपासमुद्र वितृष्णा बुद्ध गुणा कर
कृष्ण कल्कि शरीर खलजनकृन्तनामरसुखकर । कृष्ण कृष्ण ।।२।।

नित्यसिद्ध सुखानुभव निरञ्जनाखिलरञजन
प्रत्यगेकरसैकविग्रह परमपावनपावन ।           कृष्ण कृष्ण ।।३।।

गोपगोपीगोधनावन गूढ परतत्वाच्युत
तापहर नारायणतीर्थसन्तारक विजयगोपालक    कृष्ण कृष्ण ।।४।।

Shree Krishna Leela Tarangini Song 3

श्लोक:

सर्व ज्ञानक्रियाशक्तिं सर्वयोगेश्वरम् प्रभुम् ।
सर्व वैद्यविदं विष्णुम् प्रभविष्णुमुपास्महे ।।५।।

गीति ।।३।।

   रागं - नाटै               तालं - झंपै

प ।।   जय जय रमानाथ ।
अनु ।। जय जय धरानाथ ।
        जय जय वराहपुर श्री वेङ्कटेश । जय जय ।

        निगमगोचर नित्य निर्मलानन्दघन
        विगलितमहामोह विमलविज्ञान हरे
        खगयानसञ्चार खण्डितासुरनिकर
        सकलगुणसम्पन्न सत्यपरिपूर्ण ।।   जय जय ।।१।।

        मधुसूदनानन्त माया कृतभुवन
        विधुदिवाकरनयन वेदान्त भवन हरे
        विधिमुखसुरेन्द्रनुत विपुलकल्याणयुत
        विमलयोगिध्येय विविधमुनिगेय ।।  जय जय ।।२।।

        
        मुररकसंहार मूढमतिजनदूर
        परिजनशिवङ्कर परावरशरीर - हरे
        निरवधिककारुण्य निखिललोकशरण्य
        सरसनारायणतीर्थ सद्गुरुवरेण्य ।।     जय जय ।।३।।
 
 

Shree Krishna Leela Tarangini Song 2

 श्लोक:
       अमृतकलशहस्तं श्रीपतेर्यानकेतुम्
        सुररिपुनिवहारिं सोमसूर्यादिगीतम्
        अमितबलमशेषप्राणिनां प्राणभूतम्
        निगममयशुभाङ्गं भावयाम्याप्तकामम् ।।३।।

        वैनतेयं विराजन्तं विष्णुवाहनमुत्तमम्
        वैकुण्ठाश्रयमाम्नायकायं गायामि कामदम्।।४।। 

गीतं ।।२।।

मुखारी - अटताल:

प।।      श्रीनारायणवाहन श्रितमुनिजन मण्डलपालन ।।
अनु ।।   विनतावर तनय वेदाङ्गशुभकाय
         विविधाविश्वालय वीर मां पायल ।।श्री।।

         सकलजगत्प्राणदायक सुरसन्नुत सर्व विनायक
         विकट सुर रिपुविदारक विश्वविपुलकल्याणविधायक
         अकळङ्क शितिकण्ठ आश्रितवैकुण्ठ
         विकचकमलतुण्ढ विगतमोहकाण्ड
         शकलितपाषण्ढ शत्रुहर प्रचण्ड
         अधिकबलोद्दण्ड अद्भुतदोर्दण्ड  श्री.... १।।

         अशुभतिमिरचण्डभास्कर सामविशदघोषपक्षभासुर
         मशकीकृतसकलासुर मञ्जुमणिरशनाशेषशुभकर
         असुरभयङ्कर अमृतकलशहर
         कुसुमनिचयभार क्रूरभुजगहार
         असद्दशाचलाकार आश्रितशुभकर
         लसदरुणाधर लीलामयशरीर     श्री.... २।।

         निरवधिकामलपराक्रम नित्यनिर्मल खलदुरतिक्रम
         मुररिपुचरणाब्जसंभ्रम मुनिनारायणतीर्थमतिरम
         अरविन्दलोचन अघबन्धमोचन
         सुररिपुशासन सोमरविनयन
         परिजनपालन पामरविदळन
          कृतगुरुसेवन गोकुलभवन        श्री.... ३।।  
        


 

Thursday, August 14, 2014

Shree Krishna Leela Tarangini Part 1

                        श्री कृष्ण लीला तरङ्गिणी
                                प्रथमस्तरङ्ग:

श्लोक:   हिमगिरितनया पत्यं हेमाचल चाप समुदितम् तेज:
           किमपि महत्तममाद्यं स्मर्तव्यं विघ्नतिमिर हरणाय ।।१।।
           गिरिराजसुतासूनु: करिराजवरानन:
           परिपन्थिगणध्वंसी सुरसेव्यो विराजते ।।२।। 


                       गीतं ।।१।।

              मोहनम्      अटताळशापू

प ।         जय जय स्वामिन् जय जय ।
अनु ।       जय जय जितवैरिवर्ग प्रचण्ट ।
             जय जय गजमुख जय वक्रतुण्ड ।      - जयजय ।

             मूषकवाहन मुनिगणवन्द्य
             दोषरहित दुरितासुरबृन्द
             शेषभूषण शिववारिधिचन्द्र
             पोषितपरिजन पुण्यैककन्द ।            - जयजय ।।१।।

            अद्रिसुतासुत अनवद्यचरित
            भद्र भक्तभव भयहर मुदित
            रुद्रोदित ऋजु-मस्तकसहित
            सद्रूप सरसिज समुदितविनुत             - जयजय ।।२।।

            लम्बोदर धीर लावण्य सार
            कम्बुसुधानिधि कर्पूरगौर
            साम्बसदाशिव सत्कृतिचतुर
            सामवेदगीत सकलाधार                 - जयजय ।।३।।

            शक्रादिसुरगण सन्नुत चरण
            शातकुम्भमणि दिव्याभरण
            धिक्कृतघनविघ्न तिमिरावरण
            धीर नारायण तीर्थ सुकरुण              - जयजय ।।४।।